*पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की हुई धक्का मुक्की
लुधियाना-(सम्राट) ऑरबिट बस काण्ड विरोधी एक्शन कमेटी, पंजाब के आह्वान पर आज पूरे पंजाब में डी.सी. कार्यालयों का घेराव कर रोष प्रदर्शन किए गए। महानगर में करीब डेढ़ दर्जन जनसंगठनों ने ‘एक्शन कमेटी’ के बैनर तले डी.सी. कार्यालय का घेराव किया,इससे पहले स्थानीय भारत नगर चौंक में रैली की गई,उसके पश्चात पैदल मार्च कैट हुए प्रदर्शनकारी जिलाधीश कार्यालय में घेराव करने पहुंचे। जिलाधीश कार्यालय में भारी संख्या में तैनात पुलिस कर्मचारियों ने प्रदर्शनकारियों को जिलाधीश कार्यालय में जाने से रोका तो प्रदर्शनकारी धक्का -मुक्की करने लगे। परन्तु पुलिस ने संयम रखते हुए प्रदर्शनकारियों को अंदर नहीं घुसने दिया। प्रदर्शनकारी जिलाधीश कार्यालय की सीढिय़ों पर मंच बना कर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करने लगे। अनेकों संगठनो के आगुओं ने संबोधित करते हुए मांग की, कि ऑरबिट बस कंपनी के सभी रूटों को रद्द करके पंजाब रोडवेज को वह रुट दिए जाएँ ,सुखबीर बादल नैतिकता के आधार पर अपने पद से स्तीफा दें ,तथा संसद में झूठा बयान देने वाली केंद्रीय मंत्री हर सिमरत कौर बादल भी स्तीफा दे तथा बादल परिवार की संपत्ती की जाँच माननीय सुप्रीम कोर्ट के जज के माध्यम से करवाई जानी चाहिए।उन्होंने कहा कि बस कंपनियों द्वारा स्टाफ के नाम पर कथित गुंडा तत्वों की भर्ती करने पर रोक लगाई जाये व बसो में महिला सवारियों की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए जाएँ। उन्होंने कहा कि उक्त माँगों को लागू करने के अतिरिक्त फरीदकोट में ऑरबिट बसों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे नौजवान छात्रों को रिहा किया जाये। मोगा में जिस बस में घटना घटित हुई थी के चालक के पास ड्राईविंग लाइसैंस,व रुट परमिट भी नहीं था और बस में गैर कानूनी तौर पर काले शीशे व परदे लगाए गए थे,जिस कारण बस मालिकों पर भारतीय दंड संहिता व मोटर व्हीकल एक्ट के अधीन मामला दर्ज करके सजा दी जानी चाहिए। वक्ताओं ने कहा कि बादलों ने अपने पैसे, राजनीतिक ताकत और गुण्डागर्दी के जरिए भले ही पीडि़त परिवार को डरा-धमकाकर चुप करा दिया हो लेकिन पंजाब के इंसाफपसंद, जुझारू, संघर्षशील मज़दूरों, किसानों, नौजवानों, विद्यार्थियों, मुलाजिमों के जनसंगठन कतई चुप नहीं बैठने वाले नहीं हैं। आज के प्रदर्शन व घेराव को राजविन्दर (टेक्सटाइल-हौजऱी कामगार यूनियन, पंजाब), लखविन्दर (कारखाना मज़दूर यूनियन, पंजाब), दर्शन कोहली ( भारतीय किसान यूनियन, उगराहाँ), कुलविन्दर (नौजवान भारत सभा), दर्शन सिंह (भारतीय किसान यूनियन- ढकौंदा), महिन्दर सिंह अच्चरवाल (जमहूरी किसान सभा), प्रो. ए. के. मलेरी (जमहूरी अधिकार सभा), हरजिंदर सिंह व विजय नारायण (मोल्डर एण्ड स्टील वर्कर्ज यूनियन), हरदेव संधु (किरती किसान यूनियन), अमरीक सिंह (पंजाब रोडवेज इम्पलाइज यूनियन (आज़ाद), अवतार सिंह रसूलपुर (ग्रामीण मज़दूर यूनियन), गुरदीप कलसी (पंजाब निर्माण मजदूर यूनियन), सुखविन्दर लील (डेमोक्रेटिक इम्पलाइज फ्रण्ट), गल्लर चौहान (लोक एकता संगठन), हरबंस सिंह लोहटबद्धी (देहाती मज़दूर सभा), इकबाल सिंह (टेक्नीकल सर्विसिज यूनियन), परमजीत सिंह (एन.आर.एम.यू.), चमन सिंह (ग्रामीण मज़दूर यूनियन (मशाल) आदि वक्ताओं ने सम्बोधित किया।
लुधियाना-(सम्राट) ऑरबिट बस काण्ड विरोधी एक्शन कमेटी, पंजाब के आह्वान पर आज पूरे पंजाब में डी.सी. कार्यालयों का घेराव कर रोष प्रदर्शन किए गए। महानगर में करीब डेढ़ दर्जन जनसंगठनों ने ‘एक्शन कमेटी’ के बैनर तले डी.सी. कार्यालय का घेराव किया,इससे पहले स्थानीय भारत नगर चौंक में रैली की गई,उसके पश्चात पैदल मार्च कैट हुए प्रदर्शनकारी जिलाधीश कार्यालय में घेराव करने पहुंचे। जिलाधीश कार्यालय में भारी संख्या में तैनात पुलिस कर्मचारियों ने प्रदर्शनकारियों को जिलाधीश कार्यालय में जाने से रोका तो प्रदर्शनकारी धक्का -मुक्की करने लगे। परन्तु पुलिस ने संयम रखते हुए प्रदर्शनकारियों को अंदर नहीं घुसने दिया। प्रदर्शनकारी जिलाधीश कार्यालय की सीढिय़ों पर मंच बना कर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करने लगे। अनेकों संगठनो के आगुओं ने संबोधित करते हुए मांग की, कि ऑरबिट बस कंपनी के सभी रूटों को रद्द करके पंजाब रोडवेज को वह रुट दिए जाएँ ,सुखबीर बादल नैतिकता के आधार पर अपने पद से स्तीफा दें ,तथा संसद में झूठा बयान देने वाली केंद्रीय मंत्री हर सिमरत कौर बादल भी स्तीफा दे तथा बादल परिवार की संपत्ती की जाँच माननीय सुप्रीम कोर्ट के जज के माध्यम से करवाई जानी चाहिए।उन्होंने कहा कि बस कंपनियों द्वारा स्टाफ के नाम पर कथित गुंडा तत्वों की भर्ती करने पर रोक लगाई जाये व बसो में महिला सवारियों की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए जाएँ। उन्होंने कहा कि उक्त माँगों को लागू करने के अतिरिक्त फरीदकोट में ऑरबिट बसों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे नौजवान छात्रों को रिहा किया जाये। मोगा में जिस बस में घटना घटित हुई थी के चालक के पास ड्राईविंग लाइसैंस,व रुट परमिट भी नहीं था और बस में गैर कानूनी तौर पर काले शीशे व परदे लगाए गए थे,जिस कारण बस मालिकों पर भारतीय दंड संहिता व मोटर व्हीकल एक्ट के अधीन मामला दर्ज करके सजा दी जानी चाहिए। वक्ताओं ने कहा कि बादलों ने अपने पैसे, राजनीतिक ताकत और गुण्डागर्दी के जरिए भले ही पीडि़त परिवार को डरा-धमकाकर चुप करा दिया हो लेकिन पंजाब के इंसाफपसंद, जुझारू, संघर्षशील मज़दूरों, किसानों, नौजवानों, विद्यार्थियों, मुलाजिमों के जनसंगठन कतई चुप नहीं बैठने वाले नहीं हैं। आज के प्रदर्शन व घेराव को राजविन्दर (टेक्सटाइल-हौजऱी कामगार यूनियन, पंजाब), लखविन्दर (कारखाना मज़दूर यूनियन, पंजाब), दर्शन कोहली ( भारतीय किसान यूनियन, उगराहाँ), कुलविन्दर (नौजवान भारत सभा), दर्शन सिंह (भारतीय किसान यूनियन- ढकौंदा), महिन्दर सिंह अच्चरवाल (जमहूरी किसान सभा), प्रो. ए. के. मलेरी (जमहूरी अधिकार सभा), हरजिंदर सिंह व विजय नारायण (मोल्डर एण्ड स्टील वर्कर्ज यूनियन), हरदेव संधु (किरती किसान यूनियन), अमरीक सिंह (पंजाब रोडवेज इम्पलाइज यूनियन (आज़ाद), अवतार सिंह रसूलपुर (ग्रामीण मज़दूर यूनियन), गुरदीप कलसी (पंजाब निर्माण मजदूर यूनियन), सुखविन्दर लील (डेमोक्रेटिक इम्पलाइज फ्रण्ट), गल्लर चौहान (लोक एकता संगठन), हरबंस सिंह लोहटबद्धी (देहाती मज़दूर सभा), इकबाल सिंह (टेक्नीकल सर्विसिज यूनियन), परमजीत सिंह (एन.आर.एम.यू.), चमन सिंह (ग्रामीण मज़दूर यूनियन (मशाल) आदि वक्ताओं ने सम्बोधित किया।
No comments:
Post a Comment