Sunday 22 February 2015

भाव सच्चा हो तो ही प्रभु की कृपा और परमात्मा की प्राप्ति सम्भव-स्वामी रामेश्वरानंद जी

लुधियाना (शिवराज  शर्मा) सत्यम निष्काम सेवा सोसाइटी की तरफ से प्राचीन गौशाला में आयोजित साप्ताहिक भागवत पुराण के तीसरे दिन श्रधालु भाव विभोर हो गए और श्रद्धा से भगतों की आँखे नम हो गयी सारे पंडाल में बैठे भक्त गोपाल की भक्ति के रस में रम गए।तीसरे दिन की भागवत कथा में महामण्डलेश्वर श्री श्री 1008 स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने प्रवचनो की अमृतबर्षा करते हुए जब तक अपने माता पिता और गुरु की कृपा नही होती तब तक परमात्मा को नही पाया जा सकता क्योंकि सृष्टि में सबसे ऊंचा स्थान माता पिता और गुरु को प्राप्त है ।स्वामी जी महाराज जी ने तीसरे दिन की कथा में राजा परीक्षित की जीवनी का वर्णन किया की कैसे राजा परीक्षित राजा ने गर्भ में ही साक्षात प्रभु के दर्शन किये और कलयुग के प्रभाव के कारण अनजाने में राजा परीक्षित ऋषि मुनि का अपमान क्र बैठा और मरा हुआ सांप उनके गले में डाल कर महल लौट आया जब ऋषि मुनि के पुत्र को अपने पिता के अपमान के बारे में पता चला तो उन्होंने राजा परीक्षित को श्राप दिया की यही सांप सा दिन बाद जीवित हो कर तक्षक का रूप ले कर उनकी मृत्यु का कारण बनेगा ।जब ऋषि मुनि को अपने बेटे के श्राप के बारे में पता चला तो ऋषि ने अपने बेटे ऐ कहा की राजा से ऐसा कलयुग के प्रभाव के कारण हुआ है ऋषि चिंतित हो गए और राजा को जा कर सब बताया की श्राप अटल है और इसके कारण उनकी मृत्यु निश्चत है तब राजा परीक्षित ने सात दिन भागवत महापुराण कथा का श्रवण किया को मोक्ष को प्राप्त किया ।भागवत महापुराण कथा को श्रवण करने वाला प्राणी जन्म मरण के बन्धन से मुक्त हो जाता है ।भागवत महापुराण कथा में मुख्य अतिथि के रूप में पूजनीय विश्व भारती जी महाराज पधारे इसके इलावा पार्षद अश्वनी शर्मा,पार्षद शाम सूंदर मल्होत्रा ,प्रधान राज कुमार मल्होत्रा,दविंदर शर्मा सोसाइटी के प्रधान कमलेश गुप्ता,प्रधान सोहन लाल गर्ग,संजीव शर्मा,सुखविंदर सिंह चौहान,राजू जी आदि कथा में सम्मलित हुये ।

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