Monday 24 November 2014

-मामला सिविल अस्पताल में प्रसव दौरान मरे बच्चों का-

महिला रोग माहिर डाक्टर मुअत्तल,एसएमओ का तबादला 
*तीन मौत कुदरती,दो केसों में कथित तौर पर बरती गयी लापरवाही-ज्याणी 
*जिलाधीश एक सप्ताह में देंगे मुक्कमल रिपोर्ट,आरोपी बक्शे नहीं जायेंगे
लुधियाना-(सम्राट)विगत दिवस स्थानीय लार्ड महावीर सिविल अस्पताल में एक के बाद एक 5 बच्चों की प्रसव के दौरान हुई मौत की घटना पर गहरे दुःख का प्रगटावा करते हुए सेहत मंत्री पंजाब सुरजीत ज्याणी ने पीड़ित परिवारों से पंजाब सरकार की तरफ से संवेदना व्यक्त करते हुए इस घटना का गंभीर नोटिस लेते हुए संबधित महिला रोग विशेषज्ञ डा.अलका मित्तल को तुरंत प्रभाव से मुअत्तल और अस्पताल के वरिष्ठ मैडीकल अफसर डाक्टर आर के करकरा को तबदील करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही इस पूरे घटना क्रम की गहराई से जाँच करने की जिम्मेदारी जिलाधीश रजत अग्रवाल को सौंपते हुए आगामी सात दिनों में रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं।उक्त घटना के संबध में प्राथमिक जांच व कार्रवाई का विवरण देने के लिए स्थानीय सर्कट हाउस में बुलाई गई प्रैस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए श्री ज्याणी ने कहा कि इस घटना से पंजाब सरकार और विभाग की छवि ख़राब हुई है,जिस कारण इस घटना को किसी भी तरह से नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता और इस पूरी घटना की बड़ी गहराई सी जिलाधीश द्वारा जांच करवाई जाएगी,जो आगामी 7 दिनों में अपनी रिपोर्ट सरकार को देंगे।इसके अतिरिक्त प्राथमिक जांच विभाग के विशेष सचिव विकास गर्ग डायरैक्टर परिवार भलाई डाक्टर जतिंदर कौर और सिविल सर्जन सुभाष बत्ता की ओर से की गई है,जिसके आधार पर संबधित महिला डाक्टर अलका मित्तल को तुरंत प्रभाव से मुअत्तल कर दिया गया है और अस्पताल के सीनीयर मैडीकल अफसर डाक्टर आर के करकरा को बदलने के आदेश दिए गए हैं। मंत्री ज्याणी की उपस्थिती में इस घटना के बारे में जानकारी देते हुए डाक्टर जतिंद्र कौर ने बताया कि प्रसव के दौरान मरने वाले 5 बच्चों में से 3 बच्चों की मौत कुदरती है,जबकि 2 बच्चों की मौत के पीछे डाक्टर या अस्पताल की कथित लापरवाही के विषय में जांच की जाएगी।इन दोनों मामलों में एक में तो जच्चा और बच्चा को बचाने के लिए बड़ा आप्रेशन किया गया था पर बच्चे को बचाने में सफलता नहीं मिल सकी। ज्याणी ने कहा कि इस घटना को पूर्ण गंभीरता से लिया गया है और इसमें आरोपी पाए जाने वाले के खिलाफ बनती विभागीय कार्यवाई की जाएगी।उन्होंने यह भी घोषणा की,कि यदि जांच के बाद इन मौतों के पीछे विभाग की लापरवाही सामने आती है तो पंजाब सरकार की तरफ से प्रति परिवार एक लाख रुपये की धन राशि बतौर मुआवजा दी जाएगी।ज्याणी ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों की खामियां दूर करने के लिए पूरे यत्न किये जा रहे हैं।उन्होंने दावे के साथ कहा कि पूरे प्रान्त में 53 प्रतिशत से अधिक डिलीवरी सरकारी अस्पतालों में हो रही हैं और मरीजों को डिलीवरी से पहले और बाद में पूरी सुख सुविधाएँ निःशुल्क दी जा रही हैं। इस दौरान सेहत और परिवार भलाई विभाग के विशेष सचिव विकास गर्ग,जिलाधीश रजत अग्रवाल,डायरैक्टर परिवार भलाई डाक्टर जतिंद्र कौर,सिविल सर्जन सुभाष बत्ता,भाजपा के जिला प्रधान प्रवीण बांसल व अन्य अधिकारी मौजूद थे।


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