Sunday 28 December 2014

मामला ढण्डारी बलात्कार व कत्ल काण्ड का

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 *शहनाज को समर्पित श्रद्धांजलि समारोह आयोजित 
*इंसाफपसंदों ने शहनाज को दी श्रद्धांजलि 
 लुधियाना-(सम्राट) ढण्डारी बलात्कार व कत्ल काण्ड विरोधी संघर्ष कमेटी के आह्वान पर आज अनेकों लोगों ने असामाजिक लोगों द्वारा सामूहिक बलात्कार कर उसे जला कर मौत के घाट उतार देने वाली  शहनाज़ को श्रद्धांजली देने के लिए एक समारोह का आयोजन स्थानीय ढंडारी कलां की सब्जी मंडी में किया गया। शहनाज़  के पिता मुहम्मद इलीयास, माता हुशनियार खातून व अन्य रिश्तेदारों सहित 'संघर्ष समिती' के सदस्यों ने शहनाज़ की तस्वीर पर फूलों का हार पहनाकर श्रद्धांजलि अर्पित की । पंजाब के अतिरिक्त देश के विभिन्न हिस्सो से काफिलों के रूप में पहुंचे लोगों ने शहनाज़ की स्मृति में  दो मिनट का मौन भी रखा तथा  'बहादुर शहनाज अमर रहे', 'बलात्कारियों-कातिलों को फाँसी दो', 'लोक एकता जिन्दाबाद', 'गुण्डा राज मुर्दाबाद जैसे नारे लगाए। इस दौरान मृतका को इंसाफ दिलवाने, दोषियों को फाँसी दिलवाने तथा दोषी पुलिस अधिकारियों  को सख्त  सजा दिलवाने का प्रण करते हुए संघर्ष को और तेज करने की घोषणा की गयी।  क्रान्तिकारी सांस्कृतिक मंच 'दस्तक' द्वारा शहनाज को समर्पित जुझारू गीत पेश किए गए। वक्ताओं ने कहा कि शहनाज़ दमन-उत्पीडऩ का शिकार सभी स्त्रियों और साधारण जनता के सामने संघर्ष का एक प्रतीक है। बलात्कार, अपहरण, छेड़छाड़ जैसे जुल्मों का शिकार अधिकतर स्त्रियाँ व उनके परिवार इन घटनाओं को सामाजिक बदनामी, मारपीट, जान गँवाने, न्याय की उम्मीद न होने के  कारणों के चलते छिपा जाते हैं। लेकिन बहादुर शहनाज और उसके परिवार ने ऐसा नहीं किया। शहनाज़ ने लड़ाई लड़ी और वह लड़ते-लड़ते मौत को गले लगा गई। वह जुल्म के सामने घुटने न टेकने की मिसाल कायम करके गई है, जिसे हमेशा याद रखा जायेगा।
            कारखाना मकज़दूर यूनियन, पंजाब; टेक्सटाइल-हौकजऱी कामगार यूनियन, पंजाब; पंजाब स्टूडेंटस यूनियन (ललकार); नौजवान भारत सभा व बिगुल मकज़दूर दस्ता द्वारा पीडि़तों को इंसाफ दिलाने के लिए गठित 'ढण्डारी बलात्कार व कत्ल काण्ड विरोधी संघर्ष कमेटी' के संयोजक व कारखाना मज़दूर यूनियन के अध्यक्ष लखविन्दर ने कहा कि शहनाज को 4 दिसम्बर को एक गुण्डा गिरोह ने मिट्टी का तेल डालकर आग लगाकर जला डाला था। इससे पहले शहनाज़ को 25 अक्टूबर को अगवा करके दो दिन तक सामूहिक बलात्कार किया गया। राजनीतिक सरपरस्ती में पलने वाले इस गुण्डा गिरोह के खिलाफ कार्रवाई करने में पुलिस ने बेहद ढिलाई बरती, पीडि़तों की ढंग से सुनवाई नहीं की गई, रिपोर्ट लिखने और मेडिकल करवाने में देरी की गई। बलात्कार व अगवा करने के दोषी 18 दिन बाद जमानत करवाने में कामयाब हो गए। गुण्डा गिरोह ने शहनाकज़ और उसके परिवार को केस वापिस लेने के लिए डराया, जान से मारने की धमकियाँ दीं। 4 दिसम्बर को दिन-दिहाड़े सात गुण्डों ने उसे मिट्टी का तेल डाल कर जला दिया। 8 दिसम्बर को उसकी मौत हो गई। जन दबाव के चलते 10 दोषी गिरफतार हुए हैं। लेकिन पुलीस जाँच-पड़ताल को गल्त दिशा में ले जा रही है। लखविन्दर ने कहा कि हालांकि शहनाकज़ के बलात्कारी-कातिल गुण्डा गिरोह को राजनीतिक-पुलीसिया सरपरस्ती हासिल है और दोषियों को बचाने के लिए झूठी कहानियाँ गढ़ी जा रही हैं, झूठे सबूत खड़े करने की कोशिाश हो रही है लेकिन जन-एकता के दम पर शहनाकज़ को इंसाफ जरूर दिलाया जाएगा।संघर्ष कमेटी के सदस्य व टेक्सटाइल-हौजरी कामगार यूनियन के अध्यक्ष राजविन्दर ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस द्वारा पीडि़त परिवार को बदनाम किया अ रहे है जो उचित नहीं,प्रशासन अपनी जांच को सही ढंग से पूरा करे। श्रद्धांजली समारोह को 'संघर्ष कमेटी' के संयोजक व कारखाना मजदूर यूनियन, पंजाब के अध्यक्ष लखविन्दर; टेक्सटाइल-हौकजऱी कामगार यूनियन, पंजाब के अध्यक्ष राजविन्दर; पंजाब स्टूडेंटस यूनियन (ललकार) के संयोजक छिन्दरपाल; नौजवान भारत सभा के नेता कुलविन्दर, स्त्री मुक्ति लीग की नमिता और बिगुल मकज़दूर दस्ता के नेता विश्वनाथ, मोल्डर एण्ड स्टील वर्करकज यूनियन के अध्यक्ष हरजिन्दर सिंह, टेक्नीकल सर्विसिज यूनियन के नेता जमीर, अखिल भारतीय नेपाली एकता मंच के नेता विनोद कुमार व मोल्डर एण्ड स्टील वर्कर्ज यूनियन के अध्यक्ष विजय नारायण ने सम्बोधित किया।

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