Tuesday 9 December 2014

हिन्दू सिख जागृति सेना द्वारा डाक्टर माफिया के खिलाफ शुरू किए गए आन्दोलन को मिलने लगा सही रास्ता -

 *मैडिकल कौंसिल आफ इंडिया ने जारी किए 3 बड़े अस्पतालों और 12 डाक्टरों की जांच के आदेश
सेवा भावना के पहचान रखने वाले डाक्टरी पेशे को कुछ लोगो ने स्वार्थो की पूर्ति के लिए बनाया माफिया राज 
लुधियाना- (राजकुमार)
 हिन्दू सिख जागृति सेना की तरफ से पिछले एक वर्ष से जनता को सस्ता इलाज उपलब्ध करवाने के लिए उद्देश्य से डाक्टरों की तरफ से महंगी ब्रांडेड दवाइयां लिखने की बजाए जैनरिक दवाइयां लिखने के लिए किए जा रहा संघर्ष उस समय सफल दिखाई दिया जब जागृति सेना की तरफ से की गई शिकायत पर गौर करते हुए मैडिकल कौंसिल आफ इंडिया ने कारवाई करते हुए लुधियाना के 3 बड़े अस्पतालों सहित महानगर के 12 डाक्टरों को खिलाफ जांच के लिए राज्य सरकार हैल्थ डायरैक्टर को आदेश जारी करके समयबद्ध सीमा में रिपोर्ट देने को कहा है। हिन्दू सिख जागृति सेना के अध्यक्ष प्रवीण डंग ने फोर्टिस अस्पताल, सतगुरू प्रताप सिंह अपोलो अस्पताल, सेंटर फॉर चाइल्ड हैल्थ एंड स्पेशलिटी क्लिनिक, किडनी केयर एंड डायलिसिस सेंटर, डा.ओ.पी.अरोड़ा, डा. विकास गुप्ता, डा. इकबाल सिंह आहूजा, डा. जगजीत सिंह आहूजा, डा. राम सिंह, डा. सर्बजोत सिंह, डा.कल्पना सिंह, डा. बी.के.गुप्ता, डा. मनोज सोबती, डा. सतीश घाटी, डा. कोमल घाटी, डा. सुमिता सोफ्त समेत राजस्थान स्थित इंदिरा इनफर्टिलिटी क्लिनिक एंड टेस्ट बेबी सेंटर के खिलाफ संबधित राज्यों के डायरेक्टर हेल्थ को नोटिस जारी करते हुए तय समय सीमा में कानूनों के उल्लंघन करने वाले डाक्टरों की जांच करके उचित कारवाई करने का निर्देश दिया है। वहीं शिकायतकर्ता पक्ष हिन्दू सिख जागृति सेना को भी इसकी जानकारी देेने को कहा है। डंग ने डाक्टरों पर नियमों का उल्लंघना के आरोपो की जांच को जागृति सेना के संघर्ष की जीत का पहल चरण बताते हुए कहा कि उनकी तरफ से किए संघर्ष के चलते केन्द्रीय सरकार और राज्य सरकार का स्वास्थय विभाग लोगो को सस्ता इलाज उपलब्ध करवान के लिए सरगर्म हो गया है। देश के स्वास्थ मंत्रालय द्वारा जो नवीनतम आदेश जारी करके के देश के सभी डाक्टरों को कहा गया है। केन्द्र सरकार के स्वास्थय मंत्रालय ने आदेश जारी करके डाक्टरों को जैनेरिक दवाई का नाम केवल कैपिटल अक्षरों में ही लिखने के आदेश दिए है। इन आदेशों से कमीशन के चक्र में डाक्टरों की तरफ से लिखी जाने वाली महंगी ब्रांडेड दवाइयां के माध्यम से मरीजो को लूट कुछ कम होने की उम्मीद कायम हुई है। उन्होने कहा कि केंद्र सरकार के इन आदेशों से दवाई कंपनियों से सांठ गांठ करने वाले बड़े मगरमछों को अपना धंधा बंद होता देख घबराहट हो रही है। इसका ताजा उदाहरण इंडियन मेडिकल कौंसिल आफ़ पंजाब के अध्यक्ष का ब्यान की जिसमें उन्होने मैडिकल कौंसिल आफ इंडिया के कानूनों को बदलवाने की बात सार्वजनिक तौर पर की है। उन्हें डर है कि अगर कैपिटल में जैनेरिक दवाइयां लिखने की कानून लागू हो गया तो डाक्टरों की तरफ से मरीजों को लूटने का धंधा बंद हो जाएगा। प्रवीण ने कहा कि जब तक लोगो को इन कानूनों के जानकारी नहीं थी तब तक इनको ऐसे कानूनों से कोई समस्या नहीं थी पर अब जब यह कानून ठंडे बस्ते से निकल कर लागू होने लगे है तो इंडियन मेडिकल कौंसिल आफ़ पंजाब के अध्यक्ष अपने पर शिकंजा कसने वाले कानूनों को ही बदलने की बात करने लगे है। इस अवसर पर युवा अकाली नेता गुरदीप सिंह गोशा, बसपा रे मिशनरी नेता रमनजीत लाली, समाज सेवक संगठन के अध्यक्ष पूर्ण प्रकाश, चरणजीत कुमार, भूपिन्द्र बंगा, सुरजीत जैन, महेश शर्मा, कपिल देव, सचिन बजाज, अभी छाबड़ा, साहिल खुराना भी उपस्थित थे ।

No comments:

Post a Comment