Thursday 4 December 2014

राष्ट्रीय लोक अदालत 6 को

लुधियाना-(सम्राट) जिला लुधियाना और इसकी सब-डिवीजनों में किये जा रहे राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन के संबध में विभिन्न अदालती मामलों में घिरे लोगों में भारी उत्साह पाया जा रहा है। इन अदालतों के आयोजन से लोगों को अपने मामलों के निपटारे आम सहमती और थोड़े समय में हो जाने की उम्मेीद है,जिससे लोगों का समय और पैसे की भी बचत होगी। यह लोक राष्ट्रीय स्तर पर हर एक अदालत में एक दिन लगाई जा रही हैं। इस संबध में जानकारी देते हुए चीफ ज्यूडिशियल मैजिस्ट्रेट कम सचिव जिला कानूनी सेवाएँ अथार्टी श्री के के सिंगला ने बताया कि इन अदालतों संबधी लोगों के आवेदन बड़ी संख्या में आए हैं। लंबे समय से अदालतों के चक्कर में फंसे लोग अब बड़े नुकसान से बचने के लिए आम सहमती से मामलों को निपटाने के तरजीह देना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि जिला और सैशन जज व अतिरिक्त जिला व सैशन जज की अदालतों में हर प्रकार के दीवानी,मैट्रिमोनियल,किराया अपीलें,मोटर एक्सीडेंट क्लेम,ज़मीन कब्जे,अपराधिक अपीलें (सिर्फ कंपाउंडेवल केस)तथा समझौता योग्य केस आदि के समाधान आपसी सहमती से करवाए जायेंगे।उपभोक्ता मामलों के हल जिला उपभोक्ता झगड़ा निपटाऊ फोरम में विचार किये जायेंगे।सिविल मामलों में जैसे किराए से संबधित मामले,बैंक रिकवरी,माल विभाग से संबधित मामले,मनरेगा मामले,बिजली-पानी के बिल के मामले (बिना चोरी वाले)नौकरी पेशे मामले में वेतन के बकाया -भत्तों के मामले,पेंशन व सेवानिर्वित लाभ मामले,जंगलात एक्ट से संबधित मामले,कुदरती आपदा से संबधित मुआवजा मामले,नैगोशिएविल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत शिकायतों के मामले सिविल जज/ज्यूडिशियल मैजिस्ट्रेट की अदालत में विचाराधीन होंगे। लोक अदालत में केस लगाने के लिए अधिक जानकारी हासिल करने के लिए टोल फ्री हैल्पलाईन नंबर 1968 पर संपर्क किया जा सकता है.। लोक अदालत में केस की सुनवाई के लिए कोर्ट फीस नहीं लगती और यदि लोक अदालत के माध्यम से निपटारा होता है तो अदा की गयी कोर्ट फीस की भी वापसी हो जाती है।

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