Thursday 15 January 2015

एक वर्ष पहले गुम हुए बच्चे को पुलिस ने मिलाया उसके माता-पिता से

लुधियाना-(सम्राट) गुम हुए बच्चों को ढूंढने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा चलाई गई मुहिम के अंतर्गत एक जनवरी 2014 को महानगर के थाना डिवीजन नंबर 6 के अंतर्गत पड़ते जनकपुरी की गली नंबर 16 के निवासी राम सरोज के 11 वर्षीय पुत्र सोनू जो दिमागी तौर पर कमजोर है और बोलने में असमर्थ था को कपूरथला के नजदीक बने होम फॉर मैंटली रिटाइयर्ड सुखजीत आश्रम से बरामद कर उसके परिजनों के सपुर्द कर दिया गया है। उक्त संस्था द्वारा बच्चे का नाम राहुल रखा गया था। महानगर से करीब 59 बच्चे गुम हुए हैं जिनमे से पुलिस ने अब तक 5 बच्चों को बरामद कर उनके परिजनों को सौंप दिया है। अन्य बच्चों की तलाश के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा बच्चों के नाम सहित उनकी फोटो छाप कर पोस्टर बनाए गए हैं, जिन पर आम लोगों के सहयोग की अपील की गयी है। तलाशे गए बच्चे सोनू (राहुल) के विषय में जानकारी देते हुए सहायक पुलिस कमिश्नर केंद्री कम नोडल अफसर दीपक हिलौरी ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस कमिश्नर प्रमोद बान के दिशानिर्देशों के अनुसार गुमशुदा बच्चों को ट्रेस करने के लिए एक विशेष मुहिम चलाई गई है जिसका इंचार्ज इंस्पैक्टर गोपाल कृष्ण को नियुक्त किया गया है। इंस्पैक्टर गोपाल कृष्ण और थाना डिवीजन नंबर 6 के विशेष प्रयत्नो व चौंकी इंचार्ज जनकपुरी राजवंतपाल सिंह की कड़ी मेहनत ने उक्त बच्चे को कपूरथला के नजदीक स्थित होम फॉर मैंटली रिटायर्ड सुखजीत आश्रम से बरामद किया। उन्होंने बताया कि परिजनों की ओर से बच्चे के गुम  होने की शिकायत पर थाना डिवीजन नंबर 6 में 19 दिसंबर 2014 को धारा 365 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि पंजाब केजालंधर,कपूरथला,अमृतसर,बठिंडा,फरीदकोट,गुरदासपुर,होशियारपुर,पटियाला,रोपड़ में 10 शैल्टर होम खोले गए गए हैं। पुलिस द्वारा गुम हुए बच्चों को ढूंढने के लिए हरियाणा में 7 टीमें,हिमाचल में 8 टीमें भेजी गयी हैं। श्री हिलौरी ने बताया कि दिल्ली में 27 सरकारी सैंटर हैं। इन गुम हुए बच्चों की तलाश के लिए जीआरपी के एसएचओज़,पंजाब के सभी एसएसपीज़,उत्तरी भारत के डीजीज़ से तालमेल बनाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त सोशल साईट पर भी इन गुम हुए बच्चों की तस्वीर,नाम अपलोड करके उनकी जानकारी हासिल की जा रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों की कड़ी मेहनत और आम आदमियों के सहयोग से बिछड़ों को फिर मिलाकर खुशियाँ प्रदान करने की कोशिश की जा रही है।

अपने बच्चे को पापा कहते सुन जब खुशी से छलक गयी पिता की आँखे --

अपने बिछुड़े बच्चे को जब उसके माता पिता ने देखा तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा ,जो बच्चा पहले बोल भी नहीं पाता था ने जब अपने पिता को पापा कह के पुकारा तो उसकी आँखे खुशी से छलक उठीं और माँ भी खुशी से गदगद हो गयी।  अपने  बड़े भाई को देख छोटा भाई उसके गले से लिपट गया। यह नजारा देख हर कोई खुशी महसूस कर रहा था.। पुलिस अधिकारी द्वारा बच्चे को उपहार भी भेंट किया गया।  



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