Tuesday 20 January 2015

नई दाना मंडी स्थित सब्जी व फू्रट मंडी में माफिया ने पैर पसारे

-आढ़तियों, जमींदारों, पल्लेदारों, रेहडी-फडी चालकों का आरोप, सरकारी शह पर हो रही नाजायज वसूली-सीबीआई या विजिलैंस जांच की मांग उठी
लुधियाना-(सम्राट ) लुधियाना। 201३ मेें नई सब्जी मंडी को जब ट्रैफिक जाम के चलते बदलकर नई दाना मंडी में बने शैडो में शिफ्ट किया गया था तो यहां न केवल मंडी बोर्ड पंजाब के तात्कालीन चेयरमैन मल्ल सिंह घुमान नई जगह को आधुनिक ढंग से तैयार करके देने का दावा किया था बल्कि किसी भी प्रकार की परेशानी न होने देने का दावा किया था लेकिन आज सुविधाओं तो एक तरफ, यहां पर आढ़तियों, जमींदारों, रेहडी-फहडी संचालकों व पल्लेदारों पर अनेक प्रकार के टैक्स थोप दिए गए है तथा यहां पर्ची माफिया ने इस प्रकार पैर पसार लिए है कि सबकुछ जानते हुए भी मिलीभगत के चलते उपर से लेकर नीचे स्तर के अधिकारी-नेता चुप्पी धारण किए हुए है। जिसके चलते यहां पर आए दिन गुंडागर्दी की शिकायतें मिल रही है। इसी कारण अब आढ़तियों, जमींदारों व अन्य ने इसके खिलाफ संघर्ष का ऐलान कर दिया है। जागृति लहर की टीम इस बात की जानकारी मिलने पर जब दाना मंडी स्थित फ्रूट मंडी में पहुुंची तो वहां आढ़तियों, जमींदारों, पल्लेदारों व रेहडी-फहडी संचालकों का जमघट लगा हुआ पाया। टीम को देखकर सभी ने उपरोक्त जानकारी दी तथा मांग की कि इस पूरे मामले की सीबीआई या विजीलैंस जांच करवाई जाए। दी सब्जी मंडी आढ़ती एसोसोएिशन के प्रधान सौमनाथ फौजी, महासचिव अमरवीर सिंह, दलजीत सिंह काला, मनोज नागपाल किरपाल सिंह पाला, राजू मलिक, राज मुखीजा, अश्वीन कुमार बिट्टू, हरजिंदर सिंह, रूबल, कुलदीप सिंह, गुरिंदरपाल सिंह मंगा, विजय पाल ने आरोप लगाया कि मंडी के &50 लाईसेंस होल्डर व अन्य आठ सौ करोड़ से अधिक का वार्षिक बिजनेस करके करीब सोलह करोड़ रूपये का राजस्व मंडी बोर्ड का हर वर्ष देते है लेकिन यहां पर न तो पीने को पानी, बाथरूम, सिक्योरिटी, सफाई, रेस्ट हाउस व अन्य सुविधाएं है बल्कि टैक्स के नाम पर पांच तरह का जजिया लगाया हुआ है। यहां पर पार्किंग फीस ,कंडा फीस, एंट्री फीस,आरडीएफ, टीआरडीबी के अलावा रेहडी-फहडी वालों से नाजायज वसूली की जाती है। मना करने पर ठेकेदार के गुर्गे मारपीट करते है। उन्होंने कहा कि मुल्लांपुर दाखा की छोटी से मंडी में रेस्ट हाउस बना हुआ है जबकि यहां मंडी की चारदीवारी तक नहीं है। इस बात की जानकारी चेयरमैन से लेकर सीएम तक दी जा चुकी है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कंडा फीस से लेकर एंट्री फीस किस बात की ली जा रही समझ से परे है जोकि केवल लुधियाना में ही लागू है। बाक्स एक रेहडा चालक राजिंदर कुमार ने कहा कि वह आज छह डिब्बे लेकर मंडी आया। जिसमें उसे तीस रूपये मिलने थे लेकिन यहां पर एंट्री फीस के नाम पर उससे बीस रूपये वसूल लिए गए। अब दस रूपये में अपने परिवार की रोटी कैसे चलाएंगे। दूसरी तरफ संपर्क करने पर मार्केट कमेटी लुधियाना के सचिव जसबीर सिंह ने कहा कि ठेकों की नीलामी सरकारी नियमों के मुताबिक की गई है। ठेकेदार को भी नियमों के तहत कार्य करने को कहा गया है। अगर ऐसा नहीं हो रहा तो वह इसे चैक करेंगे।


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